
नई दिल्ली। साल 2025 सोना और चांदी निवेशकों के लिए शानदार साबित हुआ, जबकि शेयर बाजार उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। पूरी दुनिया में आर्थिक अनिश्चितताओं और बाजार की अस्थिरता के बीच कीमती धातुओं ने लगातार नए रिकॉर्ड बनाए और सुरक्षित निवेश विकल्प बनने की अपनी छवि को और मजबूत किया।
सोना-चांदी का धमाकेदार साल
2025 में सोना और चांदी दोनों की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। सबसे बड़ी छलांग चांदी ने लगाई, जिसने सोने को भी रिटर्न के मामले में पीछे छोड़ दिया।
चांदी का रिटर्न (2025):
1 सप्ताह: 12.13%
1 महीना: 19.70%
3 महीने: 44.91%
6 महीने: 77.73%
1 वर्ष: 97.83%
मौजूदा कीमत: 1,80,900 प्रति किलोग्राम (टैक्स सहित)
सोने का रिटर्न (2025):
1 सप्ताह: 1.75%
1 महीना: 6.41%
3 महीने: 21.45%
6 महीने: 32.57%
1 वर्ष: 68.14%
मौजूदा कीमत: 1,30,000 प्रति 10 ग्राम के करीब
दोनों धातुओं की चमक ने निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिया-चाहे वे ज्वेलरी खरीदार हों या सुरक्षित संपत्ति की तलाश में लगे निवेशक।
गोल्ड-सिल्वर ETF ने कराया मालामाल
कीमती धातुओं के ETF ने भी इस साल धमाकेदार प्रदर्शन किया।
गोल्ड ETF रिटर्न (1 वर्ष):
औसतन 58-60%
GLD और SGOL जैसे बड़े ETFs ने भी 58%+ रिटर्न दिया
सिल्वर ETF रिटर्न (1 वर्ष):
UTI Silver ETF: 100.89%
ICICI Prudential Silver ETF: 100.72%
HDFC Silver ETF: 100.29%
SBI Silver ETF: -100%
ETF क्षेत्र में सिल्वर सबसे आगे रही, जिससे छोटे निवेशकों को भी अच्छी कमाई का मौका मिला।
सेंसेक्स-निफ्टी ने किया निराश
जहां सोना-चांदी ने निवेशकों को खुश किया, वहीं शेयर बाजार सुस्त रहा।
इंडेक्स परफॉर्मेंस (2025):
सेंसेक्स: 5.30%
निफ्टी 50: 6.38%
म्यूचुअल फंड्स का हाल इससे भी खराब रहा। 41 में से केवल 3 फंड्स ने ही बेहतर रिटर्न दिया। यह संकेत है कि 2025 में इक्विटी मार्केट की राह चुनौतीपूर्ण रही।
सोना-चांदी क्यों चमके और बाजार क्यों कमजोर पड़ा?
कीमती धातुओं में तेजी के प्रमुख कारण:
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
डॉलर की कमजोरी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रास्फीति
भू-राजनीतिक तनाव
चांदी की औद्योगिक मांग में उछाल
शेयर बाजार की कमजोरी के कारण:
बाजार में अस्थिरता
विदेशी निवेशकों की सावधानी
आर्थिक दबाव
ग्लोबल मार्केट में मंदी का असर
इन परिस्थितियों ने निवेशकों को सुरक्षित एसेट्स की ओर मोड़ा और सोना-चांदी की तेजी और बढ़ गई।
एक्सपर्ट्स की राय
HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी विशेषज्ञ सौमिल गांधी के अनुसार-
ग्लोबल मार्केट में मजबूत ट्रेंड और रुपये की कमजोरी के कारण घरेलू सोने के दाम तेजी से बढ़े।
फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों से डॉलर कमजोर हुआ, जिससे बुलियन मार्केट को समर्थन मिला।
निवेशक US रोजगार डेटा और ISM सर्विसेज PMI पर नज़र बनाए हुए हैं, जो आगे की दिशा तय करेगा।
निवेशकों के लिए सबक
2025 ने निवेशकों को एक अहम बात सिखाई-
केवल स्टॉक्स पर निर्भर रहना समझदारी नहीं है।
एक संतुलित पोर्टफोलियो में शामिल होना चाहिए:
सोना
चांदी
इक्विटी
कम जोखिम वाले दीर्घकालिक साधन
सोना-चांदी ने यह साबित किया कि आर्थिक अनिश्चितता के दौर में ये धातुएं निवेश में स्थिरता लाती हैं।