
नई दिल्ली एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink को लेकर भारत में एक बड़ी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। पिछले दिनों सोशल मीडिया और कई प्लेटफॉर्म्स पर यह खबर तेजी से वायरल हुई कि Starlink भारत में 8600 रुपये मासिक शुल्क और 34,000 रुपये एकमुश्त हार्डवेयर शुल्क के साथ अपनी सेवाएं शुरू करने जा रही है।
इन कीमतों ने इंटरनेट उपभोक्ताओं के बीच बड़ी चर्चा और कुछ हद तक चिंता भी पैदा कर दी। लेकिन अब स्टारलिंक ने इस पूरे मामले पर आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करके स्थिति को पूरी तरह साफ कर दिया है।
स्टारलिंक बोला-ये कीमतें असली नहींबस डमी डेटा था
कंपनी की बिजनेस ऑपरेशंस की वाइस प्रेसिडेंट Lauren Dreyer ने X Twitter पर पोस्ट करते हुए बताया कि भारतीय वेबसाइट पर जो कीमतें दिखाई दे रही थींवे केवल placeholder data थीं।एक तकनीकी गड़बड़ी bug/glitch के कारण यह टेस्ट डेटा सार्वजनिक रूप से दिखाई देने लगा और इसे समाचारों ने वास्तविक प्लान मानलिया। उन्होंने साफ कहा: स्टारलिंक भारत में अभी लॉन्च नहीं हुआ है। कंपनी किसी भी ग्राहक का ऑर्डर स्वीकार नहीं कर रही है। भारतीय वेबसाइट भी औपचारिक रूप से लाइव नहीं है। जो कीमतें वायरल हुईंवे भारत में लागू होने वाली सेवाओं की लागत को बिल्कुल भी प्रदर्शित नहीं करतीं। बग को ठीक कर लिया गया हैलेकिन इस गड़बड़ी के कारण इंटरनेट पर अचानक से स्टारलिंक की कीमतों को लेकर बहस तेज हो गई।
ग्राहकों में था उत्साहलेकिन स्पष्टता के बाद मामला शांत हुआ
Starlink की सेवाओं का इंतजार भारत में लंबे समय से किया जा रहा है।
कंपनी से जुड़े कई लोग उम्मीद कर रहे थे कि दूर-दराजपहाड़ीजनजातीय और नेटवर्क से वंचित क्षेत्रों को हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा जल्द मिलेगी। इसी कारण जैसे ही ज्यादा महंगी कीमतें वायरल हुईंकई लोगों ने नाराजगी भी जताई और यह सवाल भी उठा कि क्या Starlink भारत में एक ‘लग्जरी इंटरनेट सर्विस- बनने जा रही है?हालांकि कंपनी के स्पष्टीकरण के बाद यह स्पष्ट है कि- वायरल कीमतें Starlink के असली प्लान नहीं थे।
अभी सिर्फ एक ही चीज़ बाकी है-सरकारी मंजूरी
Starlink की भारत में शुरुआत को लेकर सबसे बड़ा रोड़ा अभी रेगुलेटरी अप्रूवल है।कंपनी कई महीनों से आवश्यक लाइसेंस और मंजूरियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया में है। वर्तमान स्थिति यह है: भारत अभी भी Starlink की सूची में Pending Regulatory Approval कैटेगरी में है। उद्योग जगत की रिपोर्टों से इशारा मिलता है कि मंजूरी की प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। जैसे ही सरकार हरी झंडी देगीStarlink भारत में अपनी सेवाओं की घोषणा कर देगा।
विशेषज्ञों के अनुसारमंजूरी मिलने के बाद कंपनी पहले उन क्षेत्रों में फोकस करेगी जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी बहुत कमजोर है।
स्टारलिंक की खासियत क्या है?
Starlink लो-अर्थ ऑर्बिट LEO सैटेलाइट्स के माध्यम से हाईस्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराता है।इस तकनीक के फायदे- ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेज इंटरनेट मोबाइल नेटवर्क कटने पर भी निर्बाध कनेक्टिविटीक्लाउडऑनलाइन क्लासेस और टेलिहेल्थ जैसी सेवाओं में सुधार भारत में यह खासकर गांवोंपहाड़ों और दुर्गम इलाकों के लिए गेम-चेंजर माना जा रहा है।
कब तक आएंगी Starlink की सेवाएँ?
कंपनी ने कोई आधिकारिक तारीख नहीं बताई हैलेकिन उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि: मंजूरी 2024–25 के बीच किसी भी समय मिल सकती है मंजूरी के तुरंत बाद प्लानकीमतें और उपलब्धता सार्वजनिक कर दी जाएगी तब तक कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी खबर को आधिकारिक जानकारी तभी माना जाए जब Starlink या भारत सरकार खुद घोषणा करे। Starlink की वेबसाइट पर दिखी कीमतें एक गलती के कारण सार्वजनिक हों गई थीं और उन्हें असली प्लान समझ लिया गया। कंपनी ने साफ कर दिया है कि भारत में अभी न तो सेवाएं लॉन्च हुई हैं और न ही प्लान फाइनल हुए हैं अब पूरा मामला सरकार की मंजूरी पर टिका हैजिसके बाद ही भारत Starlink के तेज और आधुनिक सैटेलाइट इंटरनेट का लाभ उठा सकेगा।