7 महीने की प्रेग्नेंसी में सोनिका यादव का अद्भुत योगदान, दिल्ली पुलिस के लिए मिसाल कायम

Aksharam Media    29-Oct-2025
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की 31 वर्षीय कॉन्स्टेबल सोनिका यादव ने साबित कर दिया कि मातृत्व कमजोरी नहीं, बल्कि शक्ति की नई मिसाल है। ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर 2025-26 में उन्होंने 145 किलो वजन उठाकर दमदार प्रदर्शन किया और देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।
 
सोनिका यादव ने प्रतियोगिता में अपने 7वें महीने की प्रेग्नेंसी में भाग लेकर रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने इस साहसिक कदम के माध्यम से यह संदेश दिया कि प्रेग्नेंसी को किसी बीमारी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। सोनिका ने कहा, “मैं चाहती हूं कि प्रेग्नेंसी को कमजोरी के रूप में न देखा जाए। सही मार्गदर्शन से महिलाएं फिटनेस और अपने सपनों दोनों को पूरा कर सकती हैं।”
 
कड़ी मेहनत और एक्सपर्ट ट्रेनिंग 
 
सोनिका ने 2023 में पावरलिफ्टिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी। उन्होंने ग्लोबल एथलीट्स से ऑनलाइन सलाह लेकर एक्सपर्ट सुपरविजन में खुद को प्रशिक्षित किया। उनकी मेहनत और लगन रंग लाई और उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अपनी ताकत और जज़्बे का सबूत दिया।
 
प्रतियोगिता में सोनिका ने 125 किलोग्राम का स्क्वाट, 80 किलोग्राम की बेंच प्रेस और 145 किलोग्राम की डेडलिफ्ट कर सबको चौंका दिया। उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर खोज के दौरान उन्हें लूसी मार्टिन्स नामक महिला का गर्भावस्था में ऐसा ही प्रदर्शन देखने को मिला। इसके बाद सोनिका ने इंस्टाग्राम के जरिए लूसी से संपर्क कर ट्रेनिंग के विशेष टिप्स लिए।
 
ड्यूटी और फिटनेस में संतुलन
 
सोनिका यादव न केवल खेल में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, बल्कि कम्युनिटी पुलिसिंग सेल में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी ड्यूटी और फिटनेस के बीच संतुलन बनाते हुए प्रेग्नेंसी के दौरान भी ट्रेनिंग जारी रखी। उनके इस कदम ने यह साबित किया कि महिला होने का मतलब सिर्फ जिम्मेदारियां नहीं, बल्कि अनगिनत संभावनाएं भी हैं।
 
उनकी उपलब्धि ने पुलिस विभाग और खेल जगत में नया उत्साह पैदा किया है। प्रशिक्षकों और साथियों ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना की और इसे मातृत्व, साहस और शारीरिक शक्ति का प्रेरक उदाहरण बताया।
 
सोनिका यादव का यह रिकॉर्ड सिर्फ खेल की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं को सशक्त बनाने और सीमाओं को चुनौती देने के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उनकी कहानी देशभर की महिलाओं के लिए संदेश है कि सही मार्गदर्शन, समर्पण और आत्मविश्वास से कोई भी चुनौती असंभव नहीं है।
 
सोनिका की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि मातृत्व और करियर, फिटनेस और जुनून को साथ लेकर भी सफलता हासिल की जा सकती है। उनके साहस और परिश्रम ने हर महिला के लिए प्रेरणा का नया स्तंभ खड़ा किया है।